हम सब ने लगभग डेरा सच्चा सौदा सिरसा का नाम सुन रखा है. ये हमेशा से ही प्रसिद्ध रहा है चाहे अपने अच्छे कार्यो की वजह से या इस पर लगाए आरोपो की वजह से.
मैने कुछ दिनों से इसके बारे जानकारी इकठ्ठी करना शुरू किया और जो मुझे पता लगा वो मैं यहाँ आपको बता रहा हूँ:
29 अप्रैल 1948 को शाह मस्ताना जी ने बाबा सावन शाह जी के हुक्म से डेरा सच्चा सौदा का निर्माण हरियाणा के एक जिले सिरसा में किया.बाबा जी ने 1960 तक हज़ारों लोगों को नाम दान दिया और बुराई से बचाया.
यहाँ नाम की दीक्षा (गुरुमन्त्र) लेने के जो नियम हैं, वो तीन है:1. किसी भी तरह का नशा नहीं करना.2. माँस अंडा नही खाना मतलब शुद्ध शाकाहारी बन कर रहना.3. परस्त्री/परपुरुष को उम्र के हिसाब से जायज रिश्ते की नजर से ही देखना. छोटे उम्र वालों को बच्चे, बड़ों को माँ-बाप के समान और हम उम्र को भाई-बहन की नजर से देखना.
शाह मस्ताना जी के शरीर त्यागने के बाद डेरे की बागडोर शाह सतनाम जी महाराज ने सम्भाली और देश भर में सत्संग किये और लाखों लोगों को बुराइयों से बचाया और बहुत सी जगह डेरे भी बनवाए. इन्होंने 1960 से 1990 तक डेरे की बागडोर को सम्भाल कर रखा और 23 सितंबर 1990 को इसकी गुरुगद्दी का उत्तराधिकारी सन्त गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसान को बनाया.
राम रहीम जी ने कुछ ज्यादा ही तेज रफ्तार से जगह जगह सत्संग किये और अनुयायियों की लाखों की संख्या को करोड़ो में पहुंचा दिया. आज डेरा अनुयायियों की सँख्या 7 करोड़ के करीब पहुंच चुकी है.
डेरा सच्चा सौदा और इनके गुरुजी की मशहूरी का कारण है समाज सुधार के लिए इनके द्वारा चलाए गए कार्यों की लंबी लिस्ट. मैं सुनकर हैरान रह गया जब मुझे पता लगा कि ये लोग 133 से ज्यादा मानवता भलाई के कार्य करते हैं. ये गरीब और बेसहारा लोगों के दुख को दूर करने का हर प्रयास करते है जैसे भूखे को खाना देना, विधवा और बेसहारा को हर महीने का राशन फ्री में देना, विधवाओं या लाचार लोगों को मकान बना कर देना, बीमारों का मुफ्त में इलाज करवाना, गरीब बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाना, खिलौने व किताबों की व्यवस्था करना. ये खून-दान, नेत्र-दान, स्किन-दान और मरने के बाद मेडिकल रिसर्च के लिए पूरा शरीर भी दान कर देते हैं. ये किसी भी अनजान की जान बचाने के लिए जीते जी गुर्दा दे देते हैं.
वेश्यावृत्ति को खत्म करने लिए गुरु जी वैश्याओं को अपनी बेटी बनाकर इनका इलाज करवाते हैं और अच्छे अच्छे घरों में शादियां भी करवाते हैं. ऐसी महिलाओं से शादी करने के लिए 1500 से ज्यादा नौजवान आगे आये हैं जो इनसे शादी करेंगे और अगर कोई औलाद भी है तो उसे भी अपना नाम देंगे.
बाबा जी द्वारा नशाखोरी, हरामखोरी को बिल्कुल खत्म करने के प्रयास के कारण नशे के कारोबारियों ने बाबा जी को बदनाम करने के लिए न जाने कितने आरोप लगाए और केस कर रखे हैं. इन्हें डराया व धमकाया परन्तु बाबा जी बेझिझक अपने कार्य निरन्तर किये जा रहे हैं. इन सभी अच्छे काम करने की वजह से ही लोग जागरूक हो रहे हैं और डेरे से जुड़ते जा रहे हैं.
सच में कमाल है ये डेरा और इसके अनुयायी जो लोगो के लिए इतना सब कुछ करते हैं, जबकि लोग इन्हें ही बुरा बोलते हैं. फिर भी ये लगातार मानवता की सेवा करते जा रहे हैं…
आपने 100%सही जानकारी इकठी की है
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